मुजफ्फरनगर । श्रीराम काॅलेज आफ फार्मेसी में फार्मेसिस्ट डे पर ई-सेमिनार का आयोजन किया गया।
श्री राम कॉलेज ऑफ फार्मेसी में फार्मासिस्ट डे पर हर्बल ट्रेडीशनल मेडिसिन विषय पर ई-सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का उदघाटन डा0 गिरेन्द्र गौतम द्वारा किया गया। शफकत जैदी मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित रही।
ई-सेमिनार में बोलते हुये मुख्य वक्ता शफकत जैदी ने पाॅवर र्पाइंट प्रस्तुति के माध्यम से हर्बल ट्रेडीशनल मेडिसिन के उपयोग के बारे में बताते हुये कहा कि हर्बल ट्रेडीशनल मेडिसिन का उपयोग कई वर्षो से किया जा रहा है। इसको विश्व भर में काफी सुरक्षित माना गया है जिसके कोई भी नकारात्मक प्रभाव नही है। मानव जाति के लिये ऐसी बहुत सी हर्बल मेडिसिन आस-पास मौजूद है अगर सही दिशा मे किये गये शोध के माध्यम से मानव जाति के अनेक रोग एवं कष्टो में कारगर सिद्ध हो सकती है। उन्होने कहा कि आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है जिसके द्वारा गम्भीर से गम्भीर स्वास्थ्य संबंधी रोगो का इलाज सम्भव हुआ है।
इस अवसर पर श्रीराम काॅलेज आफ फार्मेसी की प्रवक्ता श्वेता पुंडीर ने ई-सेमिनार में अपने सम्बोधन में बोलते हुये कहा कि फार्मेसी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमे व्यक्ति जीविकोपार्जन के साथ-साथ सामाजिक सेवा भी कर सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को जागरूक करते हुये कहा कि आने वाला समय फार्मेसी के क्षेत्र में स्वर्णीम अवसर है।
इसके पश्चात श्रीराम कालेज आफ फार्मेसी के शिक्षकों द्वारा ई पोस्टर प्रस्तुत किये गये। जिनका अवलोकन श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज के चेयरमैन डा एससी कुलश्रेष्ठ द्वारा आन लाईन तकनीक के माध्यम से किया गया। उन्होंने विद्यार्थियो द्वारा बनाये गये ई-पोटर की भूरी-भूरी प्रशंसा की तथा नवीनतम छात्रों का मार्गदर्शन करते हुये कहा कि जब हम किसी नवीनतम मार्ग पर चलते है तो हमें कठिनाईयों भरे मार्ग का सामना करना पडता है परन्तु बाद में यही कठिनाईयांे भरे मार्ग, हमारी सफलता की अतुलनीय कुॅंजी साबित होते है।
इस अवसर पर श्रीराम काॅलेज आफ फार्मेसी के निदेशक डा0 गिरेन्द्र कुमार गौतम ने ई-सेमिनार में उपस्थित सभी प्रवक्तागणों एवं विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि फार्मासिस्ट को सम्मान देने व जागरूकता पैदा करने के लिए 25 सितंबर को फार्मासिस्ट डे मनाया जाता है वल्र्ड फार्मासिस्ट डे की शुरुआत 2009 में इस्तांबुल से हुई थी क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन (एफ आई पी) द्वारा 25 सितंबर को फार्मासिस्ट डे के रूप में नामांकित किया गया तथा उन्होंने यह भी बताया कि 25 सितंबर की तारीख चुनने के पीछे एक बड़ा कारण था कि दरअसल 25 सितंबर 1912 को ही अंतरराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन की स्थापना हुई थी साथ ही कहा कि अंतरराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन फार्मेसी से जुड़ी गतिविधियों के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने का काम करता है उन्होंने फार्मेसी के नवागन्तुक छा़त्र-छात्राओं को उज्जवल भविष्य की शुभ कामनाये दी।
इस अवसर पर अवनिका त्यागी, श्वेता पुडिर, सोनू, टिंकू कुमार, रोहित मलिक, छवि गुप्ता, रोहिनी गुप्ता, विकास कुमार, अमल कुमार, अजय कुमार, सलमान, रोहिणी गुप्ता, उज्जवल शर्मा, शिवम त्यागी, आर्यवृत्त आदि शिक्षक शिक्षिकाओं उपस्थित रहे।
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