टीआर ब्यूरो l
नई दिल्ली। जीएसटी परिषद की बैठक अब 19 सितंबर के बजाय पांच अक्तूबर को होगी। यह बैठक काफी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि केंद्र और राज्यों के बीच जीएसटी संग्रहण में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी के वित्तपोषण के मुद्दे पर विवाद चल रहा है। केंद्र की गणना के अनुसार इसमें से 97,000 करोड़ रुपये की कमी जीएसटी के कार्यान्वयन से जुड़ी है। शेष 1.38 लाख करोड़ रुपये की कमी राज्यों के राजस्व पर कोविड-19 के प्रभाव की वजह से है।
केंद्र ने दिए थे दो विकल्प
केंद्र ने पिछले महीने राज्यों को रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली विशेष सुविधा के जरिए 97,000 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने या बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपये जुटाने के दो विकल्प दिए थे। इसके अलावा केंद्र ने विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर मुआवजा उपकर को 2022 से आगे बढ़ाने का भी प्रस्ताव किया था, जिससे राज्य कर्ज का भुगतान कर सकें।
छह गैर-भाजपा शासित राज्यों- पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु ने केंद्र को पत्र लिखकर राज्यों द्वारा कर्ज लेने के विकल्प का विरोध किया था। सूत्रों ने बताया कि आठ सितंबर तक सात राज्य अपनी पसंद के विकल्प के बारे में केंद्र को सूचित कर चुके हैं।
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