मंगलवार, 29 सितंबर 2020

एक जिला एक उत्पाद योजना अंतर्गत दस दिवसीय गुड़ उत्पादन प्रशिक्षण का हुआ समापन

मुज़फ्फरनगर। तारा इंस्टीट्यूट पर उधोग एवं उधम प्रोत्साहन निदेशालय उत्तर प्रदेश की कार्यदायी संस्था यू0पी0को0 द्वारा संचालित "एक जिला एक उत्पाद" प्रशिक्षण योजनांतर्गत 10 दिवसीय कौशल एवं उद्यमिता विकास कार्यक्रम के समापन पर बोलते हुए प्रोफेसर ऐ पी एस चौहान ने कहा कि लघु एवं मध्यम श्रेणी के गुड़ उत्पादकों को बढ़ावा देने की दिशा में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एक रचनात्मक एवं सार्थक पहल है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भी यह प्रशिक्षण एक छोटी ही सही परंतु मील के पत्थर की शुरुआत है।


प्रशिक्षण के समापन पर बोलते हुए मुख्य सन्दर्भ व्यक्ति प्रमोद चौधरी ने कहा कि जिला उधोग केन्द्र के सहयोग से आयोजित इस प्रशिक्षण का उद्देशय आजीविका के साधनों का सुदृढ़ीकरण करते हुए उनके जीवन स्तर को उन्नत किया जाना है।


इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 18 सितम्बर से 29 सितंबर के बीच 10 दिनों तक प्रशिक्षणार्थियों ने गुड़ उत्पादन के क्षेत्र में वर्तमान परिवेश के अनुसार तकनीकी रूप से जानकारी प्राप्त की । तथा सरकारी योजनाओं की जानकारी सहित गुड़ उत्पाद के लिए बाजार एवं बाजार प्रबंधन, उत्पादन लागत निर्धारण प्रक्रिया, वित्तीय प्रबंधन, उद्यम स्थापना की प्रक्रिया इत्यादि के बारे में में भी विस्तृत जानकारी प्रतिभागियों को दी गई।


यूपीको के प्रतिनिधि अमित मोहन ने बताया कि इस योजना अंतर्गत प्रशिक्षण के उपरान्त गुड़ उत्पादकों को सेवा व्यवसाय के सफल संचालन हेतु आधुनिक तकनीक पर आधारित उन्नत किस्म की टूल किट एवं प्रमाण पत्र भी दिया जा रहा है। ताकि प्रशिक्षणार्थी अपना रोजगार प्रारम्भ कर सके।


प्रशिक्षण केंद्र के समन्वयक श्रीकांत बालियान ने बताया कि 10 दिनों तक 100 प्रतिभागियों को कौशल वृद्धि प्रशिक्षण के दौरान गुड उत्पादन का व्यवहारिक व सैद्धान्तिक प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही बताया कि गुड़ से बनने वाले उत्पादों को बाजार के लिए पेशेवर रूप में तैयार कर गुड़ उत्पादक एवं निर्यातक सभी प्रशिक्षु ट्रेंड कारीगर बनकर अपने व्यवसाय को अपग्रेड करे। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को विषय की जानकारी देकर प्रमाणपत्र ओर मुद्रा लोन जैसी आर्थिक योजनाओ की मदद के माध्यम से आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है ।                


गुड़ उत्पादन के प्रशिक्षक मोहित अग्रवाल, गगनदीप उपाध्याय एवं सोराज सिंह, सिमरन ने 10 दिनों तक गुड़ उत्पादन का व्यवहारिक एवं सैद्धान्तिक प्रशिक्षण दिया।


तथा गुड़- शक्कर बनाने हेतू प्रैक्टिकल प्रशिक्षक के रूप में रवि कुमार द्वारा सेवाएं दी गई ।


प्रशिक्षण कार्यशाला का संचालन श्रीकांत सिंह ने किया। 


प्रशिक्षण व्यवस्था में , पारुल,अनामिका, गौरव कुमार, का विशेष योगदान रहा।


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