नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल की 41वीं बैठक 27 अगस्त को हो सकती है। जीएसटी काउंसिल की इस बैठक का एकमात्र एजेंडा कंपन्सेशन जरूरतों को पूरा करने के उपायों पर होगा। इसके अलावा बैठक में कंपन्सेशन फंड को बढ़ाने के लिए तीन शीर्ष सुझावों पर भी चर्चा करने की संभावना है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जीएसटी काउसिंल की बैठक में कुछ राज्यों द्वारा अहितकर सामान यानी सिन गुड्स पर सेस बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा किए जाने की संभावना है। सिन गुड्स पर सेस बढ़ाने का सुझाव देने वालों में पंजाब, छत्तीसगढ़, बिहार, गोवा, दिल्ली जैसे राज्य शामिल हैं। अगर ऐसा होता है तो सिगरेट, पान मसाला महंगे हो जाएंगे। मौजूदा जीएसटी स्ट्रक्चर के अनुसार, कुछ सिन गुड्स, जिसमें सिगरेट, पान मसाला और एरेटेड पेय शामिल हैं, इन पर सेस लगता है. सिन गुड्स के अलावा, कार जैसे लक्जरी उत्पादों पर भी सेस लगाया जाता है।
मौजूदा समय में, पान मसाला पर 100 फीसदी सेस लगता है और सेस नियमों के अनुसार अधिकतम 130 फीसदी तक सेस बढ़ाई जा सकता है। जिसका मतलब है कि जीएसटी काउंसिल अगर यह फैसला लेती है तो पान मसाले पर 30 फीसदी सेस दर बढ़ जाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें