लखनऊ । सीएए प्रदर्शनों पर प्रयोग के बाद अब यूपी सरकार सभी प्रकार के बंद, प्रदर्शन और हड़ताल से होने वाले नुकसान पर जुर्माना लगाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश विधानसभा के आगामी सत्र में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति वसूली से संबंधित विधेयक पेश किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने सोमवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए इस विधेयक के ड्राफ्ट को मंजूरी दी।
इससे पहले प्रदेश सरकार ने इस संबंध में अध्यादेश जारी किया था। इसके तहत 'उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली नियमावली-2020' संबंधी अधिसूचना जारी की गई थी। अधिसूचना जारी होने के बाद दोषियों से क्षतिपूर्ति की वसूली शुरू की गई थी। पिछले दिनों सीएए कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा में शामिल लोग सबसे पहले इसकी चपेट में आए थे। वसूली के लिए सरकार ने आरोपी दंगाइयों के फोटोग्राफ भी सार्वजनिक रूप से लगवाए थे।
विधेयक में हड़ताल, बंद, दंगों, तत्संबंधी लोक अशांति और प्रतिवादों के दौरान लोक व निजी सम्पत्ति की क्षतियों की वसूली करने और जुर्माना लगाने की व्यवस्था दी गई है। संपत्ति के संबंध में हुई क्षतियों का आकलन करने के लिए दावा अधिकरण का गठन करने और प्रतिकर तय करने के लिए नियम बनाए गए हैं। इस नियमावली के नियम-9 में दावा अधिकरण का गठन, नियम -27 में दावा याचिका, नियम-33 में दावों की सुनवाई, नियम-43 में प्रतिकर की धनराशि तय करने के नियम और अधिकरण द्वारा तय की गई क्षतियों की धनराशि की वसूली का प्रावधान किया गया है।
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