आज सावन शिवरात्रि है. शिव और आदि शक्ति मां पार्वती के विवाह का दिन।
इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है. शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है. लेकिन सावन में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. क्योंकि सावन शिव का महीना है, इसलिए इस महीने में पड़ने वाले हर त्योहार शिव पूजा के लिए खास हैं. शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं. शिवरात्रि व्रत करने से भक्तों के सभी दुखों का नाश हो जाता है. सावन शिवरात्रि 19 जुलाई रविवार के दिन पड़ रहा है. शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है. लेकिन सावन में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. क्योंकि सावन शिव का महीना है, इसलिए इस महीने में पड़ने वाले हर त्योहार शिव पूजा के लिए खास हैं. शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व होता है.
पीपल के पेड़ की भी करें पूजा
पीपल के पेड़ की पूजा करें. क्योंकि मान्यता है कि पीपल के पेड़ में भगवान शिव का वास माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि पेड़ के ऊपरी हिस्से में भगवान शिव का वास होता है. पीपल के वृक्ष में ही शनि देव भी विराजते हैं, इसलिए पीपल की पूजा करने से शनि के प्रकोप से भी रक्षा होती है. लिंग पुराण में बताया गया है कि शनिवार के दिन पीपल की पूजा करने से उम्र बढ़ती है.
महामृत्युंजय मंत्र का करें 1 लाख बार जाप, रोग-दोष होंगे दूर
शिवपुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन अगर आप एक लाख बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं तो आपको सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही आप रोग और दोष से मुक्त हो जाते हैं. नकारात्मक शक्तियों से आपके और आपके परिवार की रक्षा होती है.
सावन शिवरात्रि व्रत में इन चीजों को भूल कर भी न करें सेवन
सावन शिवरात्रि का व्रत रखने वाले इस बात का ध्यान रखें कि वे किसी भी प्रकार की खट्टी चीज का सेवन न करें. साथ ही इस दिन काले वस्त्र न धारण करें. पूरा दिन व्रत रखे हुए हैं तो भगवान शंकर और माता पार्वती का ध्यान करें और उनका भजन गाएं. जो व्रत न रखे हों वे भी घर में तामसी चीजें न लाएं. मांस के सेवन से बचें. दूसरे दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजन के बाद ही व्रत तोड़ें.
ऐसे लगाएं भोग
सावन शिवरात्रि पर भोलेनाथ को तिल चढ़ाने से संपूर्ण पापों का नाश होता है. इसके अलावा शिव को गेहूं से बनीं वस्तुओं का भोग अर्पित करना भी शुभ माना जाता है, इसके अलावा ऐश्वर्य पाने की आकांक्षा से मूंग का भोग लगाएं. वहीं मनचाहा वर पाने के चने की दाल का भोग भी लगाया जाता है.
शिवरात्रि पूजा सामग्री
महादेव मूर्ति के स्नान के लिए तांबे का पात्र, लोटा, दूध, अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, चावल, अष्टगंध, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, चंदन, धतूरा, अकुआ के फूल, बिल्वपत्र, जनेऊ, फल, मिठाई, नारियल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद व शक्कर), सूखे मेवे, पान, दक्षिणा.
कुंवारी कन्याओं को मिलता है विशेष लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन शिवरात्रि का व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए श्रेष्ठ माना गया है. शिवरात्रि व्रत करने से उन्हें मनचाहा वर मिलता है. वहीं जिन कन्याओं के विवाह में समस्याएं आ रही होती हैं उन्हें सावन शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए.
आद्रा नक्षत्र में पड़ रहा है शिवरात्रि
इस माह 19 जुलाई, रविवार को सावन की शिवरात्रि है. इसी दिन आद्रा नक्षत्र भी पड़ रहा है. सावन की शिवरात्रि में विशेष पूजा अर्चना कर शिवजी को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है.
शिवलिंग पर कैसे चढ़ाएं बेलपत्र
भोलेनाथ को जो बेलपत्र चढ़ाया जाता है उसमें छेद नहीं होने चाहिए. शिवलिंग पर तीन पत्ते वाले बेलपत्र चढ़ाने चाहिए जो कोमल और अखण्ड हों. वहीं, बेलपत्र पर किसी भी तरह का वज्र या चक्र का निशान नहीं होना चाहिए. बता दें कि पत्ते में सफेद दाग चक्र और डंठल में गांठ वज्र कहलाता है. शिवलिंग पर हमेशा बेलपत्र को उल्टा ही चढ़ाना चाहिए.
सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक करने का समय
कल सावन की शिवरात्रि है, इस सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए शुभ समय 19 जुलाई की सुबह 5 बजकर 40 मिनट से 7 बजकर 52 मिनट तक शुभफलदायी रहेगा. प्रदोष काल में जलाभिषेक करना काफी शुभ रहता है. ऐसे में 19 जुलाई की शाम के समय 7 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 30 मिनट तक प्रदोष काल में जलाभिषेक किया जा सकता है.
सावन शिवरात्रि पर महादेव जी करेंगें कष्ट दूर
कल सावन की शिवरात्रि है. इस दिन बाबा भोलेनाथ अपने भक्तों के संकट दूर करते हैं. सावन के महीने में उनकी विशेष कृपा बरसती है. इस दिन रुद्राभिषेक करने से भक्त के सभी पापों का विनाश भोले बाबा कर देते हैं.
सावन शिवरात्रि व्रत रखने पर नौकरी में मिलती है तरक्की
सावन शिवरात्रि के सिद्ध मुहूर्त में शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठित करवाकर स्थापित करने से व्यवसाय में वृद्धि और नौकरी में तरक्की मिलती है.
शादी में आ रही बाधा दूर करने के लिए इस मंत्र के साथ शिव-शक्ति की पूजा करें
- हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी कान्तकांता सुदुर्लभाम।।
- ॐ साम्ब सदा शिवाय नम:।
इन मंत्रों का जाप करने पर सभी मनोकामनाएं होती है पूरी
कल सावन शिवरात्रि है. इस दिन महिलाएं सुख-सौभाग्य के लिए भगवान शिव की पूजा करतीं है. इस दिन शिवलिंग पर दुग्ध की धारा से अभिषेक करते हुए निम्न मंत्र का उच्चारण करने पर सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
ॐ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ॐ।
इन चीजों को चढ़ाने पर भगवान शिव होते है प्रसन्न
गरुड़ पुराण के अनुसार सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को बिल्व पत्र के साथ सफेद आंकड़े के फूल अर्पित करना चाहिए. इस दिन भगवान शिव को बिल्व पत्र व सफेद आंकड़े के फूल बेहद प्रिय हैं. शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को रुद्राक्ष, बिल्व पत्र, भांग, शिवलिंग और काशी अतिप्रिय हैं. इन चीजों को चढ़ाने पर भगवान शिव प्रसन्न होते है.
जानें व्रत के बाद पारण करने का नियम
सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराकर 'ॐ नमः शिवायः' मंत्र से पूजा करनी चाहिए. इसके बाद रात्रि के चारों प्रहर में भगवान शिवजी की पूजा करें, इसके बाद अगले दिन सुबह ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करना चाहिए.
आज लें व्रत का संकल्प
आज त्रयोदशी है. कल शिवरात्रि है. गरुड़ पुराण के अनुसार शिवरात्रि से एक दिन पहले त्रयोदशी तिथि में शिवजी की पूजा करनी चाहिए. आज शाम को व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके उपरांत चतुर्दशी तिथि को निराहार रहना चाहिए. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को गंगा जल चढ़ाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है.
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ
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