सोमवार, 15 जून 2020

सूर्यग्रहण: ये तीन राशि वाले रखें सावधानियां


21 जून को सूर्यग्रहण  का बहुत बड़ा प्रभाव लोगों के जीवन में देखने को मिलेगा। इस ग्रहण के प्रभाव मानव जीवन को काफी विचलित कर सकते हैं। इसके प्रभाव से तूफान, भूकंप और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं बढ सकती हैं। इस ग्रहण का सबसे ज्यादा असर मिथुन राशि पर पड़ेगा। क्योंकि पंचांग के अनुसार 21 जून आषाढ़ मास के कृकृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। इस दिन मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में यह ग्रहण लगेगा। मिथुन राशि पर सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा।
इस ग्रहण का सूतक काल करीब 12 घंटे पहले लग जाएगा। सूर्यग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात 10 बजकर 20 मिनट से लग जाएगा और जो सूर्यग्रहण के साथ खत्म होगा। इस ग्रहण के दौरान छ ग्रहण बक्री रहने वाले हैं, शनि, गुरु, बुध, राहु केतु और शुक्र ब्रकी ग्रह है। यह ग्रहण मिथुन राशि में लगेगा। इस ग्रहण के सूतक की शुरुआत 20 जून की रात 10 बजकर 20 मिनट से हो जाएगी। सूतक काल लगने से पहले ही भोजन कर लेना चाहिए, क्योंकि सूतक काल में खाना पीना नहीं करना है।  
सूतक काल में खासकर गर्भवती महिलाएं सावधानी जरूर रखें। ग्रहण काल के दौरान आपको कुछ खाना नहीं है और चाकू, छूरी का प्रयोग नहीं करना है। इस दौरान सब्जी फल आदि नहीं काटना है। ग्रहण काल की अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। सूतक काल में पाठ पूजा की जाती है, देवी देवताओं की मूर्तिया छूना नहीं चाहिए।
सूर्य का सबसे बुरा प्रभाव वृषभ राशि पर पड़ेगा। वृषभ राशि के लोगों के लिए यह ग्रहण धन भाव में होगा। जो पाॅपर्टी से जुड़े मामले है, उनसे आपका दूर रहना है। इसके दौरान आपको कर्ज लेने से बचना है। अगर जरूरत है तो भी कर्ज न लें। इस दौरान आपके दुश्मन बढ़ सकते हैं, जिसकी वजह से मानसिक तनाव में रह सकते है। दूसरा भाव वाणी का भी होता है। इस लिए सूर्य ग्रहण के दौरान अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना है। आप अनजाने में ऐसे शब्द बोल सकते हैं जो समाने वाले व्यक्ति को ठेस पहुंचा सकते हैं, इसलिए वाणी पर नियंत्रण सबसे ज्यादा जरूरी है।
सूर्य का प्रभाव कम करने के लिए वृषभ राशि वाले इस दिन घी का दीपक जलाएं और उसमें कपूर डाल दें। उसके बाद दान पून्य जरूर करना है। ग्रहण समाप्त होने के बाद जो दान किया जाता है वह अच्छे प्रभाव डालता है। इसीलिए यह दान किया जाता है। जरूरतमंद लोगों को आप अनाज का दान कर सकते हैं और चावल, आटा, गेहूं और दाल दे सकते हैं। जब ग्रहण चल रहा हो तब अपने गुरु मंत्र का जप जरूर करें।
कर्क राशि चंद्रमा की राशि है यह बहुत ही भावनात्मक राशि होती है। ग्रहण के दौरान आपको यात्रा से बचना है, इसके अलावा पानी से दूर रहना है। ऐसी जगह नहीं जाना है जहां पानी बहुत अधिक हो। आपको नदी-तालाब में नहाने से बचना है। आपके मन में भय का भाव रह सकता है। आपको छोटी छोटी बातों पर बहस करने से बचना है। यह स्थति अगले तेरह दिनों तक रह सकती है। कर्क राशि वालों का कर्ज ना लेना है न ही देना है। खर्चे बहुत अधिक बढ़ सकते हैं क्योंकि यह बारहवे भाव में है। कर्क राशि वाले जातक ग्रहण के समय अपने ईष्ठदेव के मंत्र का जप करें। ग्रहण समाप्त होने के बाद किसी भी गरीब व्यक्ति को आप अन्न, गुड़, तिल या वस्त्र का दान कर सकते हैं, जो आपके लिए बेहद अच्छा रहने वाला है।
वृश्चिक राशि वृश्चिक राशि वाले के लिए यह ग्रहण अष्टम भाव में होगा। इस ग्रहण से 13 दिन तक सावधानियां बरतनी है। इस दौरान आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है, इसलिए आपको खाने पीने का ध्यान देना है। वृश्चिक राशि वालों के लिए उपाय वृश्चिक राशि वाले जातक ग्रहण के समय अपने ईष्ठदेव के मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्त होने के बाद किसी भी व्यक्ति को आप अन्न, गुड़, तिल या वस्त्र का दान कर सकते हैं। जो आपके लिए बेहद अच्छा रहने वाला है।


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