21 जून 2020 को इस साल का सबसे लंबा और पहला सूर्य ग्रहण लगेगा जो लगभग 6 घंटे का होगा। ज्योतिषाचार्य प. अतुलेश मिश्रा के अनुसार सूर्य ग्रहण एक महत्त्वपूर्ण खगोलीय घटना है। इसका प्रभाव देश दुनिया के साथ साथ मानव जीवन एवं अन्य जीवों पर भी पड़ता है। मानव जीवन पर ये प्रभाव मुख्य:प से दो प्रकार से पड़ता है- एक सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक, मानव जीवन पर यह प्रभाव उनके राशि में विद्यमान ग्रह, नक्षत्र की स्थिति के अनुसार होता है। इस सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव जिन राशियों पर पड़ता है। उनके जातकों को इसे दूर करने के लिए कुछ विशेष पूजा करनी चाहिए। इससे इस ग्रहण का दुष्प्रभाव कम या खत्म हो जाता है। भारतीय समयानुसार यह सूर्य ग्रहण सुबह 09.15 पर आरंभ होगा और 03ः04 बजे समाप्त होगा। सूर्य ग्रहण दोपहर 12.10 बजे अपने चरम पर होगा। करीब 6 घंटे के लम्बे समय तक दिन में भी पृथ्वी पर रात जैसा अंधेरा छाया रहेगा क्योंकि सूर्य ग्रहण लगने से सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंचेगा और अंधेरा छा जायेगा।
मेष: राशि के लिए लाभकारी है।पद-सम्मान की प्राप्ति।
वृषभ: सावधानी की जरूरत है। व्यापार में हानि, परेशानी।
मिथुन: घटना-दुर्घटना का योग बन सकता है।
कर्क: अतिरिक्त सावधानी रखंे, चोट की आशंका।
सिंह: अच्छा है, जीवनसाथी को सुख।
कन्या: शुभ समाचार मिलेगा।
तुला: बचें, वाद-विवाद हो सकता है।
वृश्चिक: परेशानी का कारण बन सकता है।
धनु: जीवनसाथी को कष्ट संभव है।
मकर: शुभ रहेगा, लाभ की संभावना।
कुंभ: तनाव व मानसिक परेशानी संभव।
मीन: आर्थिक समस्या, अधिक खर्च रहेगा।
दुष्प्रभावों से बचने के लिए सूर्य मंत्र का जाप करेंः सूर्य ग्रहण लगने और खत्म होने के दौरान लोगों को सूर्य मंत्र सहित निम्नलिखित मंत्रो का जाप करना चाहिए।
सूर्य मंत्रः ‘ओम ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ’ के अलावा ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’
सूर्य ग्रहण के बाद स्नान के साथ अन्न, कपड़े और धन का दान-पुण्य करने का विधान है। ऐसा करने से ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति मिलती है और नौकरी पेशा लोगों को प्रमोशन और अनुकूल ट्रांसफर के अवसर मिलते हैं। लोगों को सूर्य ग्रहण के दिन अपने-अपने घरों में रहकर शांतिपाठ करना चाहिए। सूर्य ग्रहण के समय राहु दृकेतु से संबंधित उपाय करना मंगलकारी होता है। ऐसा करने से राहु-केतु शांत रहते हैं और अनावश्यक कष्ट नहीं देते। राहु-केतु की शांति के लिए ग्रहण लगने से पूर्व तिल, तेल, कोयला, काले वस्त्र दान के लिए रख लें और ग्रहण खत्म होने के बाद जातकों को चाहिए कि स्नान- पूजा आदि करके उपरोक्त वस्तुओं को जःरतमंद लोगों को दान में दे दें। सूर्य ग्रहण के समय लोगों को गायत्री मंत्र, गुरु मंत्र, सूर्य मंत्र, नारायण मंत्र आदि का जप और ध्यान करना चाहिए। इससे सर्वोत्तम लाभ मिलता है। ऐसा करने से आपके कुंडली में मौजूद सभी ग्रहों के अशुभ प्रभाव क्षीण हो जाते हैं और आय में वृद्धि होती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें