शुक्रवार, 12 जून 2020

हाथ चूम कर इलाज करने वाले बाबा की कोरोना से मौत-23 भक्तों को भी हुआ कोरोना


रतलाम। एमपी के रतलाम जिले में झांड-फूंक करने वाले एक बाबा की कोरोना से मौत हो गई है। हाथ चूम कर इलाज करने वाले बाबा खुद भी कोरोना से मरे हैं और 23 लोगों को संक्रमित कर गए हैं। उसके बाद से रतलाम में हड़कंप मचा हुआ है। बाबा की ख्याति सिर्फ रतलाम शहर में ही नहीं थी, बल्कि आसपास के इलाकों से भी लोग इनके पास अंधविश्वास के चक्कर में इलाज करवाने आते थे। बाबा हाथ को चूम कर बड़ी-बड़ी बीमारियों को दूर करने का दावा करता था। 
इलाके में इसकी पहचान असलम बाबा के रूप में थी। असलम का असली नाम अनवर शाह है। रतलाम के नयापुरा इलाके में करीब 15 वर्षों से अपने परिवार के साथ रह रहा था। असलम यहीं रहकर झाड़-फूंक का करता था। सीधे-साधे लोग इसके चक्कर में फंस कर इलाज करवाने आते थे। असलम बीमारी दूर करने के नाम पर लोगों से मोटी रकम भी ऐंठता था। कोरोना महामारी के बीच भी इसने बीमारी ठीक करने का दावा किया था। स्थानीय लोग बताते हैं कि बाबा अपने भक्तों का इलाज हाथ चूम कर करते थे। साथ ही पानी में फूंक मार कर भक्तों को पिलाते थे। बाबा के पास हर रोग का इलाज था। अंधविश्वास के चक्कर में लोग अनवर शाह के पास चले आते थे। हालांकि बाबा खुद कैसे कोरोना से संक्रमित हुआ, इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। तबीयत खराब होने के बाद इसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
असलम बाबा की 4 जून को मौत हो गई। उसके बाद जिले के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग को पता चला कि यह झांड़-फूंक करने का काम करता था। उसके बाद बाबा के संपर्क में आए लोगों की तलाश शुरू हुई। अब तक बाबा के 23 भक्त कोरोना से संक्रमित हैं, जिसमें 7 इसके परिवार के लोग हैं। ज्यादातर लोग तो डर से सामने आ ही नहीं रहे हैं। असलम बाबा के पास हर दिन दर्जनों लोग उसके जाल में फंसकर इलाज के लिए आते थे। ऐसे में प्रशासन के सामने सवाल है कि बाबा कोरोना से संक्रमित कैसे हुए। नयापुरा इलाके में कोरोना के ज्यादातर जो मामले हैं, वे लोग बाबा के ही संपर्क में आए थे। प्रशासन अब यह पता करने में जुटी है कि बाबा को भक्तों से कोरोना हुआ या फिर बाबा ने भक्तों को कोरोना बांटा है।
असलम बाबा की कोरोना से मौत के बाद रतलाम शहर में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में प्रशासन ने एहतियात के तौर पर 29 और बाबाओं को उठा कर क्वारंटीन किया है। ये बाबा शहर में झाड़-फूंक करने का काम करते थे। क्वारंटीन के दौरान जिनमें बीमारी के लक्षण नजर आएंगे, उनका कोरोना टेस्ट करवाया जाएगा। जिला प्रशासन ने कहा है कि बाबाओं से खतरा इसलिए है कि ये झाड़ फूंक करते हैं और कई तरह की चीजें भी देते हैं। इनसे संक्रमण का खतरा ज्यादा है।



 


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