सोमवार, 22 जून 2020

गुप्त नवरात्र‍ि, मां काली का पूजन, तंत्र साधना से जुड़े रहस्‍य 


साल में चार नवरात्रि आते हैं. पहले दो यानी चैत्र और शारदीय नवरात्रि के बारे में हर कोई जानता है. सभी नवरात्रि ऋतु में बदलाव के वक्त मनाए जाते हैं. महाकाल संहिता और अन्य तमाम ग्रंथों ने इन नवरात्रों का महत्व बताया गया है. आज से शुरू हो रहे गुप्त नवरात्रि के बारे में कहा जाता है कि आप सच्चे मन से मां दुर्गा की आराधना करें तो निश्चित तौर आपको फल मिलेगा.
22 जून से गुप्त नवरात्रि शुरू हो गया है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि के बारे में सब जानते हैं. इन दोनों नवरात्रि में मां दुर्गा की धूमधाम से पूजा की जाती है. इन दोनों नवरात्रि के अलावा भी दो अन्य नवरात्रि मनाया जाता है. लेकिन ये दोनों नवरात्रि अपेक्षाकृत कम लोकप्रिय हैं. इनमें से एक गुप्त नवरात्रि आज से शुरू हो रहा है. कहा जाता है कि इस नवरात्रि को लेकर कई तरह के रहस्य हैं, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. 
ऐसे करें पूजा
शारदीय और चैत्र नवरात्रि की तरह ही गुप्त नवरात्रि में कलश की स्थापना की जा सकती है. अगर आपने कलश की स्थापना की है तो आपको सुबह और शाम यानी दोनों समय दुर्गा चालीसा या सप्तशती का पाठ और मंत्र का जाप करना होगा.  


इसके अलावे आप दोनों समय मां दुर्गा की आरती करें. दोनों समय आप मां को भोग भी लगाएं. कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा को भोग में लौंग और बताशा चढ़ाना चाहिए. 


मां दुर्गा के लिए लाल फूल को सर्वोत्तम माना जाता है. लेकिन मां को आक, मदार, दूब और तुलसी बिलकुल न चढ़ाएं.


पूरे नौ दिनों तक खान पान और आहार सात्विक रखें. इससे आपका मन भी सात्विक रहेगा और आप मां दुर्गा की भक्ति में एकाग्र हो सकेंगे.


इसके अलावे अगर आप मां दुर्गा की साधना कर रहे हैं तो लकड़ी की एक लाल चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं. उसपर मां की मूर्ति या प्रतिकृति स्थापित करें. मां की मूर्ति के सामने एकमुखी दीपक जालाएं. शाम और सुबह में मां के विशेष मंत्र का 108 बार जाप करें. मां दुर्गा का मंत्र- ”ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चे” है.


गुप्त नवरात्रि क्या है
ऐसा कहा जाता है कि चैत्र और शारदीय नवरात्रि में सात्विक और तांत्रिक दोनों तरह की पूजा की जाती है, लेकिन गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा भी गुप्त तरीके से की जाती है. यानी इस दौरान तांत्रिक पूजा पर ही जोर दिया जाता है. इसमें मां दुर्गा के भक्त खुलकर अपनी भावना का इजहार नहीं करते. वे आपने आसपास के लोगों को इसकी भनक नहीं लगने देते कि वे कोई साधना कर रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान जितनी गोपनीयता बरती जाए उतनी ही अच्छी सफलता मिलेगी.



मां काली की पूजा
गुप्‍त नवरात्रि के दौरान मां काली की पूजा की जाती है. कहा गया है कि इस दौरान मां काली के पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है. हालांकि नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां के विभिन्‍न स्‍वरूपों की पूजा की जाती है. इन स्‍वरूपों में माता काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्न मां, त्रिपुर भैरवी, धूमावति माता, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा होती है.


कैसे करें मां दुर्गा की उपासना
गुप्‍त नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना के लिए आपको इन दिनों में मां का विशेष पूजन करना चाहिए. प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. दुर्गा चालीसा, मां दुर्गा के मंत्रों का जप करें. देवी दुर्गा के मंत्र ऊं दुं दुर्गायै नम: मंत्र की नौ माला जपें.


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

मंगलवार विशेष :पंचाग एवँ राशिफल

 🙏🏻 हर हर महादेव🙏🏻  🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞  🌤️ *दिनांक - 04 मार्च 2025* 🌤️ *दिन - मंगलवार* 🌤️ *विक्रम संवत - 2081* 🌤️ *शक संवत -...